कुल पेज दृश्य

रविवार, 28 जून 2020

शारदा वंदन

शारदा वंदन

माँ शारदे! स्वर-सार दे
लय-भाव-रस उपहार दे

सुत को यही वरदान दे
रच छंद तुझ पर वार दे

भटका न लेकिन पा सका
माँ! कर दया; अब सार दे

मोती न हीरे चाहिए
आशीष का गलहार दे

कुछ और चाहे हो नहीं
रचनाओं में भर प्यार दे
१३-३-२०२० 

कोई टिप्पणी नहीं: