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शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

मुकतक

मुक्तक :
सज्जित कर दे रत्न मणि, हिंदी मंदिर आज 
'सलिल' निरंतर सृजन कर, हो हिंदी-सर ताज
सरकारों ने कब किया भाषा का उत्थान?
जनवाणी जनतंत्र में, कब कर पाई राज??

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