लघुकथा:
बाजीगर
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- आपका राज्य पिछले वर्षों में बहुत पिछड़ गया है आप अमुक दल की सरकार बनाइये और अपने राज्य को उन्नत राज्यों में सम्मिलित करिये।
- आपका प्रान्त अब तक आगे नहीं बढ़ सका, इसके कसूरवार वे हैं जो खुद को सम्पूर्ण क्रांति का मसीहा कहते रहे किन्तु सरकार बनाने के बाद ऐसे कारनामे किये की माननीय न्यायालय ने उनके चुनाव लड़ने पर ही प्रतिबन्ध लगा दिया। हमारी पार्टी को मत दें।
- आपका प्रदेश बेरोजगारी का शिकार है, दोषी कौन? वे जो केंद्र में बैठे हैं और आपके प्रदेश के लिए कुछ नहीं करते। हमारे गठबंधन को जिताइए।
मेज पर फैले हैं अखबार और उनमें छपे हैं नेताओं के बयान। एक भी बयान ऐसा नहीं मिला जो कहता हो 'आपके पिछड़ेपन के लिये जिम्मेदार आप खुद हैं। जब तक मेहनत नहीं करेंगे, कुरीतियाँ नहीं छोड़ेंगे, बच्चों को नहीं पढ़ायेंगे, दहेज़ लेना बंद नहीं करेंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे आगे नहीं बढ़ सकेंगे। किसी भी दल को चुनें, कोई नेता और कोई दल आपको आगे नहीं बढ़ा सकता। आपको कोई आगे बढ़ा सकता है तो वह हैं आप खुद। उठिए, जागिये और लक्ष्य पाइए। जो आपको भीख में अधिकार और उन्नति देने की बात करते हैं वे जनप्रतिनिधि नहीं हो सकते क्यों की वे हैं सपनों के सौदागर और शब्दों का मायाजाल रचनेवाले बाजीगर।
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