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शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

jigyasa

हमारा धर्म जिज्ञासा- १.
१. लघुकथा में वर्णित क्षण की पृष्भूमि और कारण का वर्णन हो या न हो?
२. वर्णन हो तो कितना और क्यों?
३. क्या वर्णन देकर पाठक के कल्पना-संसार को दिशा देना या सीमित करना उचित है?
कृपया, बिन्दुवार मत दें.

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