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गुरुवार, 18 जून 2020

मुक्तक - श्रेया

मुक्तक - श्रेया 
श्रेया है बगिया की कलिका, झूमे नित्य बहारों संग।
हर दिन होली रात दिवाली, पल-पल खुशियाँ भर दें रंग।।
कदम-कदम बढ़ नित नव मंजिल पाओ, दुनिया देखे दंग।
रुकना झुकना चुकना मत तुम, जीते जीवन की हर जंग।।
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१८-६-२०१९ 

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