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शनिवार, 18 अगस्त 2018

baal kavita kalpana bhatt

बाल कविताएँ
कल्पना भट्ट
*
१. भोर
*
भोर हो गयी जागो प्यारे
चले गए हैं चाँद-सितारे।
भोर हुई है आई चिड़िया
आँख खुली मत लाओ निंदिया ।
आओ! करें सूर्य का स्वागत
सुभ सुनहरा है अब आगत ।
गोरैया आ गीत सुनाओ
आशाओं के  दीप जलाओ ।
*
२. हम बालक
हम बालक छोटे अज्ञानी
क्यों करे कोई छल बताओ?
हमको पसंद है चॉकलेट-टॉफी
बड़े न खाने को ललचाओ।
हम माँगें जब खेल-खिलौने
देते हैं हमको क्यों  ताने?
पढ़ो-लिखो, फिर रटो पहाड़ा
बोलो कब हम गाएँ गाने?
रहें प्रेम से हम सब बच्चे 
क्यों कहते हो हमको बंदर?
मनमानी कर लड़ें बड़े ही
मम्मी-पापा घर के अंदर।
बालक है बचपना न छीनो
हमको करने दो नादानी।
बात न मानी तो रूठेंगे
याद दिला देंगे हम नानी।
*
३ पेड़ और पौधे
कट गए कितने ही वन
कम हो गए कितने उपवन
खुली हवा हो गयी है कम
कैसे रहेंगे तुम और हम!
बंद खिड़की को खोलो तुम
वरना घुट जाएगा दम
हवा के झोंके जो न आये
कैसे रहेंगे तुम और हम!
एक पौधा तुम भी लगाओ
अपना आँगन तुम ही सजाओ
न रहेंगे जब पेड़ और पौधे
कैसे रहेंगे तुम और हम !
यह चमन तुम्हारा है
यह आँगन तुम्हारा है
महकेंगे जब यह फूल उपवन
जी उठेंगे फिर तुम और हम!
*
४. कहानियाँ
चाँद नहीं ,तारे भी नहीं
मुझे पसंद नानी की कहानियाँ
छोटी-छोटी हँसाने वालीं
जंगलों की रोचक सी कहानियाँ ।
नन्हें-नन्हें सपने हैं मेरे
मुझे पसन्द हैं मेरे खिलौने
नानी के संग मैं खेलता हूँ
कहती हैं वो खिलौनों से कहानियाँ ।
चिड़िया बोले , तोता भी बोले
हाथी नाचे ,चींटी पट खोले
तितलियों सी विविध रंगों से बनी
रंगीन चित्रों वालीं यह कहानियाँ ।
अजब गज़ब के घर हैं होते
भालू ,शेर, घोड़े संग होते
चॉकलेट के लिये यह भी हैं रोते
मीठी मीठी होती यह कहानियाँ ।
*
५ स्कूल नहीं जाऊँगा
बोला एक दिन बंदर  मामा
स्कूल नहीं जाऊँगा
सुनकर यह सब चकित हुए
पूछ बैठे ,'क्यों भला ?'
बोला वो इतराकर यह
नया मोबाइल लाये है पापा
नए गेम्स खेलूंगा मैं भी
स्कूल नहीं जाऊँगा |
रोज़-रोज़ की वही पढाई
रोज़ एक टीचर की डांट
मैं नहीं अब सुनने वाला
स्कूल नहीं जाऊंगा मैं |
सुन रहे थे यह सब उसके साथी
सुन रहा था उनका मामा हाथी
बोला वो बंदर से यह
'कहते हो स्कूल नहीं जाओगे
मोबाइल से खेलोगे ?'
कुछ रुका फिर बोला हाथी मामा
'चलो एक काम करते हैं
नदी से कहते है न बहे
सूरज से कहते है न उगे
चाँद से कहते है न आये
पेड़ो से कहते है फल न दे
चलो इन सब के साथ मोबाइल गेम्स खेलते है |
सुनकर यह बोला बंदर
ऐसा गज़ब न करना मामा
भूके ही मर जायेंगे सब
समझ गया हूँ मैं अपनी गलती
अब से नहीं कहूंगा यह |
काम सब के अपने अपने
सबको करने पड़ते है
स्कूल भी जाऊँगा मैं
पढ़ लिखकर कुछ बंजाऊंगा मैं |
*
६ खिलौने
बाबा , खिलौने ला दो
मोबाइल नहीं खिलौने ला दो
गेंद बल्ला , गुल्ली डंडा
घर में भालू , मोर और गेंडा |
बाहर जाकर खेलना है मुझको
दोस्तों के संग रहना है मुझको
गुड़िया को भी ले जाऊंगा
साथ उसके भी  मैं खेलूंगा
वो भी यही चाहती होगी
भैया खेले यह कहती होगी |
बाबा , मुझको खिलौने ला दो
लूडो ,चेस, कैरम ला दो
बाबा ऑफिस से जब आएंगे
थके हारे जब चाहेंगे
मिलकर हम सब साथ खेलेंगे
साथ हसेंगे साथ बैठेंगे
मोबाइल ने तो अलग किया है
हम सब को ही तो अलग किया है
मोबाइल को अब अलग करेंगे
खिलौने ले हम संग रहेंगे |
*
७ आधा चाँद
माँ एक चाँद ला दो
आधा ही सही पर ला दो
चाँद के संग मैं खेलूंगा
गेंद बनाकर इसे खेलूंगा
अपने हाथो में इसे पकडूँगा
आसमान से यह बुलाता हैं
मेरे दिल को यह भाता है
माँ, यह चाँद मुझको ला दो
आधा ही सही पर ला दो |
आसमान में रहने वाला
तुझको यह लुभाने वाला
बेटा यह चाँद कैसे ला दूँ
आसमान से कैसे ला दूँ
मेरी बात मान जा बेटे
न कर इसकी ज़िद अब तू
देख यह रोटी को देख ले
चाँद सी इस रोटी को देख ले
अपना पेट यही भरेगी
रोटी तेरी चाँद बनेगी |
रात का चाँद आसमान में
मेरा चाँद मेरे घर में
राजा बेटा चाँद है तू
मेरी आँखों का तारा है तू
देख रात हो रही
अब सो जा ,
सपनो में तेरे खो जा
चाँद तेरा तुझको मिलेगा
आधा ही सही पर जरूर मिलेगा |
*
८ माँ
माँ
माँ मेरी क्यों रूठ गयी?
रूठ कर देखो बैठ गयी है
कैसे हँसाऊँ , कैसे मनाऊँ
उनकी खुशियों को कैसे लाऊँ !
माँ ,आप हो बहुत भोली-भाली
मुझको लगती हो प्यारी-प्यारी
न रूठो ऐसे मान भी जाओ
अब न करूँगा कोई मन मानी ।
देखो होमवर्क कर लिया है
बस्ता भी कल का जमा लिया है
आओ माँ अब तो भूख लगी है
पेट में चूहों की दौड़ लगी है ।
माँ बेटे की खत्म हुई लड़ाई
दोनों ने मिलकर रोटी खायी
रात हुई तो देखे तारे
सुबह उठकर नींद भगाई ।
*
९ एक कहानी
नानी एक कहानी सुना दो
जल्दी से फिर मैं सो जाऊंगा
सुबह सवेरे उठकर जल्दी
फिर मैं अपने स्कूल जाऊँगा ।
कहानी में होती है बिल्ली रानी
कभी होती है राजा रानी की कहानी
नानी तुम तो बहुत अच्छी हो
रोज़ सुनाओ तुम मुझको एक कहानी।
पापा मम्मी थक जाते है
खिलौने भले ही ढेरों लाते है
जो कहानी तुम हो मुझको सुनाती
नींद मुझको फिर प्यारी आती ।
अच्छी नानी, प्यारी नानी
मेरी हो तुम सयानी नानी
जल्दी से सुनाओ एक कहानी
फिर ही मुझको है नींद आनी ।
*
१० सब कहाँ गए
हाथी भालू सब कहाँ गए
क्या किताबों में बंद हो गए ।
घने जंगल , और पशु पक्षी
क्या किताबों में बंद हो गए ।
या खेल रहे यह सब छुपन छुपैया
जो ढूंढे इनको यह उनको पाये ।
जल पर्बत धरा हमारी
है सबसे यह निराली
आओ! इन सबकी रक्षा करें हम
इनको अपना जान एक वरदान बने हम ।
*

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