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शनिवार, 31 मार्च 2018

सवैया सलिला: ४

सवैया सलिला: ४
विमलेश्वरी सवैया
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कहेगा कहानी, जमाना जुबानी, करो काम ऐसा, उठो वानर!
नहीं तुच्छ हो रे!, महावीर हो. अंजनी-वायु के पुत्र हो वानर!
छलांगें लगाओ, उडो वायु में भी, न हारो, करो पार रे सागर-
सिया खोज लाओ, सभी को बचाओ. यशस्वी बनाओ रे वानर!
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विधान: (७ यगण) + लघु लघु
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salil.sanjiv@gmail.com, ७९९९५५९६१८

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