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गुरुवार, 1 मार्च 2018

chitra alankar: jhanda

फागुन
[ चित्र अलंकार: झंडा ]
*
ठंड के आलस्य को अलविदा कह
बसंती उल्लास को ले साथ, मिल-
बढ़ चलें हम ज़िदगी के रास्ते पर
आम के बौरों से जग में फूल-फल.
रुक
नहीं
जाएँ,
हमें
मग
देख
कर,
पग
बढ़ाना है.
जूझ बाधा से
अनवरत अकेले
धैर्य यारों आजमाना है.
प्रेयसी मंजिल नहीं मायूस हो,
कहीं भी हो, खोज उसको आज पाना है.
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salil. sanjiv@gmailcom, ७९९९५५९६१८
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