कुल पेज दृश्य

रविवार, 11 मार्च 2018

हास्य रचनाएँ ४ संजीव

एक दोहा दो दुम का... सलिल

लोकतंत्र के देखिये, अजब-अनोखे रंग।

नेता-अफसर चूसते, खून आदमी तंग॥

जंग करते हैं नकली।

माल खाते हैं असली॥

******
हास्य रचना
बतलायेगा कौन?
संजीव
*
मैं जाता था ट्रेन में, लड़ा मुसाफिर एक.
पिटकर मैंने तुरत दी, धमकी रखा विवेक।।

मुझको मारा भाई को, नहीं लगाना हाथ।
पल में रख दे फोड़कर, हाथ पैर सर माथ ।।

भाई पिटा तो दोस्त का, उच्चारा था नाम।
दोस्त और फिर पुत्र को, मारा उसने थाम।।

रहा न कोई तो किया, उसने एक सवाल।
आप पिटे तो मौन रह, टाला क्यों न बवाल?

क्यों पिटवाया सभी को, क्या पाया श्रीमान?
मैं बोला यह राज है, किन्तु लीजिये जान।।

अब घर जाकर सभी को रखना होगा मौन.
पीटा मुझको किसी ने, बतलायेगा कौन??

++++++++
दोहा सलिला:
शब्दों से खिलवाड़- १
संजीव 'सलिल'
*
शब्दों से खिलवाड़ का, लाइलाज है रोग..
कहें 'स्टेशन' आ गया, आते-जाते लोग.
*
'पौधारोपण' कर कहें, 'वृक्षारोपण' आप.
गलत शब्द उपयोग कर, करते भाषिक पाप..
*
'ट्रेन' चल रही किन्तु हम, चला रहें हैं 'रेल'. 
हिंदी माता है दुखी, देख शब्द से खेल..
*
कहते 'हैडेक' पेट में, किंतु नहीं 'सिरदर्द'.
बने हँसी के पात्र तो, मुख-मंडल है ज़र्द..
*
'फ्रीडमता' 'लेडियों' को, मिले दे रहे तर्क.
'कार्य' करें तो शर्म है, गर्व करें यदि 'वर्क'..
*
'नेता' 'लीडर' हो हुए, आम जनों से दूर.
खून चूसते देश का, मिल अफसर मगरूर..
*
'तिथि' आने की ज्ञात तो, 'अतिथि' रहे क्यों बोल?
शर्म न गलती पर करें, पीट रहे हैं ढोल..
*
क्यों 'बस' को 'मोटर' कहें, मोटर बस का यंत्र.
सही-गलत के फर्क का, सिर्फ अध्ययन मंत्र.. 
*
'नृत्य' न करना भूलकर, डांस इंडिया डांस. 
पूजा पेशा हो गयी, शाकाहारी मांस..
*
'सर्व' न कर 'सर्विस' करें, कहलायें 'सर्वेंट'.
'नौकर' कहिये तो लगे, हिंदी इनडीसेंट..  
*
'ममी-डैड' माँ-बाप को, कहें उठाकर शीश.
बने लँगूरा कूदते, हँसते देख कपीश..
*
दोहा सलिला:
अंगरेजी में खाँसते...
संजीव 'सलिल'
*
अंगरेजी में खाँसते, समझें खुद को  श्रेष्ठ.
हिंदी की अवहेलना, समझ न पायें नेष्ठ..
*
टेबल याने सारणी, टेबल माने मेज.
बैड बुरा माने 'सलिल', या समझें हम सेज..
*
जिलाधीश लगता कठिन, सरल कलेक्टर शब्द.
भारतीय अंग्रेज की, सोच करे बेशब्द..
*
नोट लिखें या गिन रखें, कौन बताये मीत?
हिन्दी को मत भूलिए, गा अंगरेजी गीत..
*
जीते जी माँ ममी हैं, और पिता हैं डैड.
जिस भाषा में श्रेष्ठ वह, कहना सचमुच सैड..
*
चचा फूफा मौसिया, खो बैठे पहचान.
अंकल बनकर गैर हैं, गुमी स्नेह की खान..
*
गुरु शिक्षक थे पूज्य पर, टीचर हैं लाचार.
शिष्य फटीचर कह रहे, कैसे हो उद्धार?.
*
शिशु किशोर होते युवा, गति-मति कर संयुक्त.
किड होता एडल्ट हो, एडल्ट्री से युक्त..
*
कॉपी पर कॉपी करें, शब्द एक दो अर्थ.
यदि हिंदी का दोष तो अंगरेजी भी व्यर्थ..
*
टाई याने बाँधना, टाई कंठ लंगोट.
लायर झूठा है 'सलिल', लायर एडवोकेट.. 
*
टैंक अगर टंकी 'सलिल', तो कैसे युद्धास्त्र?
बालक समझ न पा रहा, अंगरेजी का शास्त्र.. 
*
प्लांट कारखाना हुआ, पौधा भी है प्लांट.
कैन नॉट को कह रहे, अंगरेजीदां कांट..
*
खप्पर, छप्पर, टीन, छत, छाँह रूफ कहलाय.
जिस भाषा में व्यर्थ क्यों, उस पर हम बलि जांय..
*
लिख कुछ पढ़ते और कुछ, समझ और ही अर्थ.
अंगरेजी उपयोग से, करते अर्थ-अनर्थ.. 
*
हीन न हिन्दी को कहें, भाषा श्रेष्ठ विशिष्ट.
अंगरेजी को श्रेष्ठ कह, बनिए नहीं अशिष्ट..
*

कोई टिप्पणी नहीं: