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रविवार, 15 मार्च 2009

जब -जब भी तुम तनहा होगे

तब साथ मुझे ही पाओगे .

जब याद मेरी आ जायेगी.

तब ख़ुद से ही शरमाओगे.

हर कोशिश कर के देख लो तुम

पल भर भी भूल न पाओगे .

जैसे ही कुछ आहट होगी .

बाहों में 'सलिल' की आओगे।


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