मुक्तक :
बात न करने को कुछ हो तो, कहिये कैसे बात करें?
बिना बात के बात करें जो, नाहक शह या मात करें
चोट न जो सह पाते देते, पड़ती तो रो देते हैं-
दोष विधाता को दे कहते, विधना क्यों आघात करे??
*
२६.११.२०१४
ये वो दोनों जब भी बोलें, एक-दूजे की बात करें।
बात न करते सुनें ध्यान से, केवल प्रत्याघात करें।।
मुद्दे सारे छोड़-भूलकर, जनता को भरमाते हैं-
सत्ता पाने के अभिलाषी, वाक्-द्व्न्द बेबात करें।।
*
बात न करने को कुछ हो तो, कहिये कैसे बात करें?
बिना बात के बात करें जो, नाहक शह या मात करें
चोट न जो सह पाते देते, पड़ती तो रो देते हैं-
दोष विधाता को दे कहते, विधना क्यों आघात करे??
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२६.११.२०१४
ये वो दोनों जब भी बोलें, एक-दूजे की बात करें।
बात न करते सुनें ध्यान से, केवल प्रत्याघात करें।।
मुद्दे सारे छोड़-भूलकर, जनता को भरमाते हैं-
सत्ता पाने के अभिलाषी, वाक्-द्व्न्द बेबात करें।।
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