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बुधवार, 21 अगस्त 2013

message to sister on raksha bandhan -sanjiv

रक्षा बंधन पर बहिन को पाती:
संजीव 
*
बहिन! शुभ आशीष तेरा, भाग्य का मंगल तिलक
भाई वंदन कर रहा, श्री चरण का हर्षित-पुलक
भगिनियाँ शुचि मातृ-छाया, स्नेहमय कर हैं वरद
वृष्टि देवाशीष की, करतीं सतत- जीवन सुखद
स्नेह से कर भाई की रक्षा उसे उपकारतीं
आरती से विघ्न करतीं दूर, फिर मनुहारतीं
कभी दीदी, कभी जीजी, कभी वीरा है बहिन
कभी सिस्टर, भगिनी करती सदा ममता ही वहन
शक्ति-शारद-रमा की तुझमें त्रिवेणी है अगम
'सलिल' को भव-मुक्ति का साधन हुई बहिना सुगम
थामकर कर द्वयों में दो कुलों को तू बाँधती
स्नेह-सिंचन श्वास के संग आस नित नव राँधती
निकट हो दूर, देखी या अदेखी हो बहिन
भाग्य है वह भाई का, श्री चरण में शत-शत नमन
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Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in

9 टिप्‍पणियां:

Shriprakash Shukla ने कहा…

Shriprakash Shukla viayahoogroups.com

आदरणीय आचार्य जी,

अति सुन्दर ।

सादर ,
श्रीप्रकाश शुक्ल

santosh kumar ने कहा…

ksantosh_45@yahoo.co.in via yahoogroups.com

अति सुन्दर भावपूर्ण कविता के लिए बधाई।
सन्तोष कुमार सिंह

kusum vir ने कहा…

Kusum Vir via yahoogroups.com

आदरणीय आचार्य जी,
राखी पर आपने बहिन को बहुत ही मंगलमय, शुभकारी पाती भेजी है l

मेरी और से रक्षाबन्धन पर सभी को बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ l

भाई की कलाई पर
राखी बँधी सुन्दर नई
हर्षपूरित बहिन देती
आशीष भाई को कई

रक्षा का वादा भाई करता
उपहार देता बहिन को
रक्षाबन्धन पर्व शुभ हो
मैं बधाई दूँ सभी को

कलुष रखता जो ह्रदय में
दुर्दान्त भाई ग़र कोई हो
समझ बुद्धि आए उसको
मलिनता सब दूर हो

सादर,
कुसुम वीर

Mahesh Dewedy ने कहा…

Mahesh Dewedy via yahoogroups.com

Badhai Salil Ji.

Mahesh Chandra Dwivedy

Digamber Naswa ने कहा…

Digamber Naswa via yahoogroups.com

आदरणीय सलिल जी ... भाव पूर्ण ... स्नेहिल प्रेम ओर कर्तव्य बोध लिए सुन्दर रचना है ...
रक्षाबंधन के इस पावन पर्व की सभी को बधाई ओर शुभकामनाएं.

दिगंबर

sn Sharma via yahoogroups.com ने कहा…

sn Sharma via yahoogroups.com

आ० आचार्य जी ,
आज के पर्व पर बहन को नमन की रचना पढ़ कर मुग्ध हूँ
धन्य हैं आप और आपकी लेखनी ।
सादर
कमल

sanjiv ने कहा…

श्री प्रकाश जी, संतोष जी, कुसुम जी, महेश जी, दिगंबर नास्वा जी, कमल जी
आपकी गुण-ग्राहकता को नमन.

guddo dadi ने कहा…

guddo

नन्हें भाई आशीर्वाद |

बहिन! शुभ आशीष तेरा, भाग्य का मंगल तिलक भाई वंदन कर रहा, श्री चरण का हर्षित-पुलक

shar_j_n ने कहा…

shar_j_n

आदरणीय आचार्य जी,

फिर से अतिसुन्दर लेखन!

हर द्विपदी सुखद!

साधुवाद !
सादर शार्दुला