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रविवार, 5 अप्रैल 2020

खबरदार कविता

खबरदार कविता:
खबर: हमारी सरहद इंच-इंच कर कब्ज़ा किया जा रहा है.
दोहा गजल:
असरकार सरकार क्यों?, हुई न अब तक यार.
करता है कमजोर जो, 'सलिल' वही गद्दार..
*
अफसरशाही राह का, रोड़ा- क्यों दरकार?
क्यों सेना में सियासत, रोके है हथियार..
*
दें जवाब हम ईंट का, पत्थर से हर बार.
तभी देश बच पायेगा, चेते अब सरकार..
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मानवता के नाम पर, रंग जाते अखबार.
आतंकी मजबूत हों, थम जाते हथियार..
*
५-४-२०१०

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