कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

मुक्तक

मुक्तक:
संजीव
.
आसमान कर रहा है इन्तिज़ार
तुम उड़ो तो हाथ थाम ले बहार
हौसलों के साथ रख चलो कदम
मंजिलों को जीत लो, मिले निखार
*
२३-४-२०१५

कोई टिप्पणी नहीं: