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गुरुवार, 17 अगस्त 2023

संजीव वर्मा 'सलिल'


आप अपनी जानकारी आज ही भेज दीजिए---
1-नाम : आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' 
2-पिता का नाम : स्मृतिशेष राजबहादुर वर्मा, पूर्व जेल अधीक्षक। 
3 -माता का नाम : स्मृतिशेष शांति देवी वर्मा, कवयित्री।
3 a - जीवन संगिनी : डॉ. साधना वर्मा, पूर्व प्राध्यापक अर्थशास्त्र।   
4-जन्म दिनांक : 20 अगस्त 1952। 
5-जन्म स्थान : मंडला, मध्य प्रदेश। 
6-प्रेरणाश्रोत : बुआश्री महियासी महादेवी वर्मा। 
7-दायित्व : पूर्व संभागीय परियोजना अभियंता लोक निर्माण विभाग, सभापति विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर, संचालक समन्वय प्रकाशन जबलपुर, चेयरमैन इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर चैप्टर । पूर्व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महासभा,  पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मण्डल अध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, पूर्व संपादक चित्राशीष कायस्थ पत्रिका, पूर्व महामंत्री प्रादेशिक चित्रगुपर महासभा मध्य प्रदेश। 
8-किन क्षेत्रों में कार्यरत हैं/समाज/देश आदि : साहित्य सृजन, छंद शिक्षण, समाज सेवा, पर्यावरण सुधार, तकनीकी क्षेत्र में हिंदी का उपयोग, हिंदी से रोजगार, प्रेरक व्याख्यान, चित्रगुप्त जी व कायस्थों पर शोध आदि।  
9-कोई उल्लेखनीय उपलब्धि-
1. 500 से अधिक नये छंदों का आविष्कार। 
2. प्रति दिन लाखों बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना 'हे हँसवाहिनी ज्ञानदायिनी अंब! विमल मति दे' का सभी सरस्वती शिशु मंदिरों में गायन। 
3. 85 पुस्तकों में भूमिका लेखन। 
4. 350 पुस्तकों की समीक्षा। 
5. 12 पुस्तकें प्रकाशित ।
6.  जीवन परिचय प्रकाशित 7 साहित्यकार कोश।
7.  इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी में तकनीकी लेख 'वैश्विकता के निकष पर भारतीय यांत्रिकी संरचनाएँ को द्वितीय श्रेष्ठ - तकनीकी प्रपत्र पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति द्वारा।
8.  9 बोलिओं में रचना।  
9. 75 सरस्वती वंदना लेखन ।  
10. 51 चित्रगुप्त भजन लेखन।
11. विशेष: विश्व रिकॉर्ड - विविध अभियंता संस्थाओं द्वारा जबलपुर में भारतरत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या की ९ मूर्तियों की स्थापना कराई।
12 ट्रू मिडिया पत्रिका द्वारा व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित।
13.  'सलिल : एक साहित्यिक निर्झर' व्यक्तित्व-कृतित्व पर पुस्तक, लेखिका मनोरमा 'पाखी'।
14. हिंदी सोनेट लेखन सिखाकर 32 सॉनेटकारों के 321 सॉनेटों का साझा संकलन प्रकाशित किया- विश्व रिकॉर्ड। 
15. इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में "भारत को जाने" एक अद्वितीय ग्रंथ लेखन में सहभागिता।
16. 300 से अधिक सम्मान, 12 प्रांतों की संस्थाओं द्वारा। 

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