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गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014

bang kavita : mridula pradhan

कविता:
मृदुला प्रधान 
 · 
(मृदुला जी ने देवनागरी लिपि में लिखकर गांधी जी के विचार को गांधी जयंती पर मूर्त रूप दिया है. बधाई. कोई पाठक इसका हिंदी अनुवाद दे सके तो शेष को अधिक आनंद आएगा)
पूजो एलो, चोलो मेला,
हेटे-हेटे जाई,
नतून जामा,नतून कापोड़,
नतून जूतो चाई.
बाबा एनो रोशोगोला,
मिष्टी दोईर हांड़ी,
माँ गो तुमि
शेजे-गूजे,
पोड़ो ढ़ाकाई शाड़ी.
आजके कोरो देशेर खाबा,
शुक्तो,बेगुन भाजा,
गोरोम-गोरोम भातेर ओपोर,
गावार घी दाव
ताजा.
चोलो 'शेनेमा'
'पॉपकॉर्न' खाबो, खाबो
आइस-क्रीम,
आजके किशेर ताड़ा एतो
कालके छूटीर दिन.
रात्रे खाबो 'चिली' 'चिकेन',
भेटकी माछेर
'फ्राई',
ऐई पांडाले,ओई पांडाले,
होई-चोई
कोरे आई