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मंगलवार, 17 नवंबर 2020

मुक्तक, दोहा

मुक्तक 
जन्म दिवस पर बहुत बधाई 
पग-तल तुमने मन्ज़िल पाई
शतजीवी हो, गगन छू सको
खुशियों की नित कर पहुनाई
*
दोहा सलिला 
लट्टू पर लट्टू हुए, दिया न आया याद
जब बिजली गुल हो गई, तब करते फरियाद
*
उग, बढ़, झर पत्ते रहे, रहे न कुछ भी जोड़
सीख न लेता कुछ मनुज, कब चाहे दे छोड़
*
लोकतंत्र में धमकियाँ, क्यों देते हम-आप 
संविधान की अदेखी, दंडनीय है पाप



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