कुल पेज दृश्य

सोमवार, 30 नवंबर 2020

अक्षर गीत

अक्षर गीत 
संजीव   
*
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गाएँ  अक्षर गीत। 
माँ शारद को नमस्कार कर 
शुभाशीष पा हँसिए मीत। 
स्वर : 
'अ' से अनुपम; अवनि; अमर; अब,   
'आ' से आ; आई; आबाद।
'इ' से इरा; इला; इमली; इस,    
'ई' ईश्वरी; ईख; ईजाद।   
'उ' से उषा; उजाला; उगना,  
'ऊ' से ऊर्जा; ऊष्मा; ऊन।  
'ए' से एड़ी; एक; एकता, 
'ऐ' ऐश्वर्या; ऐनक; ऐन। 
'ओ' से ओम; ओढ़नी; ओला,   
'औ' औरत; औषधि; औलाद। 
'अं' से अंक; अंग, अंगारा, 
'अ': खेल-हँस हो फौलाद।   
*
व्यंजन 
'क' से कमल; कलम; कर; करवट,
'ख' खजूर; खटिया; खरगोश।    
'ग' से गणपति; गज; गिरि; गठरी, 
'घ' से घट; घर; घाटी; घोष।  
'ङ' शामिल है वाङ्मय में 
पंचम ध्वनि है सार्थक रीत। 
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
*
'च' से चका; चटकनी; चमचम, 
'छ' छप्पर; छतरी; छकड़ा। 
'ज' जनेऊ; जसुमति; जग; जड़; जल,   
'झ' झबला; झमझम, झरना।   
'ञ' हँस व्यञ्जन में आ बैठा, 
व्यर्थ न लड़ना; करना प्रीत। 
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 

'ट'  टमटम; टब; टका; टमाटर,  
'ठ' ठग; ठसक; ठहाका; ठुमरी।  
'ड' डमरू; डग; डगर; डाल; डफ, 
'ढ' ढक्कन; ढोलक; ढल; ढिबरी।
'ण' कण; प्राण; घ्राण; तृण में है  
मन लो जीत; तभी है जीत।  
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
*    
'त'  तकिया; तबला; तसला; तट,
'थ' से थपकी; थप्पड़; थान।  
'द' दरवाजा; दवा, दशहरा, 
'ध' धन; धरा; धनुष; धनवान।   
'न' नटवर; नटराज; नगाड़ा,  
गिर न हार; उठ जय पा मीत।  
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
'प' पथ; पग; पगड़ी; पहाड़; पट, 
'फ' फल; फसल; फलित; फलवान।  
'ब' बकरी; बरतन, बबूल; बस, 
'भ' से भवन; भक्त; भगवान। 
'म' मइया; मछली; मणि; मसनद,
आगे बढ़; मत भुला अतीत।
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
'य' से यज्ञ; यमी-यम; यंत्री, 
'र' से रथ; रस्सी; रस, रास। 
'ल' लकीर; लब; लड़का-लड़की; 
'व' से वन; वसंत; वनवास।  
'श' से शतक; शरीफा; शरबत,  
मीठा बोलो; अच्छी नीत। 
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
'ष' से षट; षटकोण; षट्भुजी,
'स' से सबक; सदन; सरगम।    
'ह' से हल; हलधर; हलवाई, 
'क्ष' क्षमता; क्षत्रिय; क्षय; क्षम। 
'त्र' से त्रय, त्रिभुवन; त्रिलोचनी,
'ज्ञ' से ज्ञानी; ज्ञाता; ज्ञान।    
'ऋ' से ऋषि, ऋतु, ऋण, ऋतंभरा, 
जानो पढ़ो; नहीं हो भीत
अक्षर स्वर-व्यंजन सुन-पढ़-लिख 
आओ! गायें अक्षर गीत। 
*   
२९-३० नवंबर २०२० 

कोई टिप्पणी नहीं: