मुक्तक
दिल से दिल की बात हो
खुशनुमा हालात हो
मिलें हम हँस-झूमकर
गूँजते नग्मात हो
*
काैन किसका सगा है
हर किसी ने ठगा है
नेह नाता जाे मिला
व्ही छल से पगा है
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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