कार्य शाला
छंद-बहर दोउ एक हैं ३
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मुक्तिका
चलें साथ हम
(छंद- तेरह मात्रिक भागवत जातीय, अष्टाक्षरी अनुष्टुप जातीय छंद, सूत्र ययलग )
[बहर- फऊलुं फऊलुं फअल १२२ १२२ १२, यगण यगण लघु गुरु ]
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चलें भी चलें साथ हम
करें दुश्मनों को ख़तम
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न पीछे हटेंगे कदम
न आगे बढ़ेंगे सितम
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न छोड़ा, न छोड़ें तनिक
सदाचार, धर्मो-करम
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तुम्हारे-हमारे सपन
हमारे-तुम्हारे सनम
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कहीं और है स्वर्ग यह
न पाला कभी भी भरम
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१८-११-२०१६
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