बघेली मुक्तिका
संजीव
*
बढ़िगा बहुतै पाप
रुपिया मैया-बाप
सलगे नेता चोर
जन-जन के संताप
भागिस सूरज-धूप
काय न लागिस खाप
साधू कीन्हिस ढोंग
हाय अकारथ जाप
सबकै खुलि गै पोल
जोरू के पग चाप
जउने पंडा-देव
तउने टीका-छाप
लड़िकन केर पढ़ाई
लीन्हिस खेती ताप
डूब गइस घर-गाँव
आसमान से नाप
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२३-८-२०२०
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