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सोमवार, 15 जून 2015

haiku: sanjiv

हाइकु:
संजीव
*
चटनी जैसा
खट्टा मीठा तीखा है
जग-जीवन
*
बेला महकी
बेला चहका, आयी
प्रणय बेला
बेला = लता, मोगरा, समय
*
बेसहारा का
बनकर सहारा
ममता हँसे
*

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