हाइकु सलिला:
संजीव
.
सागर माथा
नत हुआ आज फिर
देख विनाश.
.
झुक गया है
गर्वित एवरेस्ट
खोखली नीव
.
मनमानी से
मानव पराजित
मिटे निर्माण
.
अब भी चेतो
न करो छेड़छाड़
प्रकृति संग
.
न काटो वृक्ष
मत खोदो पहाड़
कम हो नाश
.
न हो हताश
करें नव निर्माण
हाथ मिलाएं.
.
पोंछने अश्रु
पीड़ितों के चलिए
न छोड़ें कमी
.
संजीव
.
सागर माथा
नत हुआ आज फिर
देख विनाश.
.
झुक गया है
गर्वित एवरेस्ट
खोखली नीव
.
मनमानी से
मानव पराजित
मिटे निर्माण
.
अब भी चेतो
न करो छेड़छाड़
प्रकृति संग
.
न काटो वृक्ष
मत खोदो पहाड़
कम हो नाश
.
न हो हताश
करें नव निर्माण
हाथ मिलाएं.
.
पोंछने अश्रु
पीड़ितों के चलिए
न छोड़ें कमी
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