मुक्तक:
संजीव
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मापनी: २११ २११ २११ २२
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आँख मिलाकर आँख झुकाते आँख झुकाकर आँख उठाते आँख मारकर घायल करते आँख दिखाकर मौन कराते *
मापनी: १ २ २ १ २ २ १ २ २ १२२
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न जाओ, न जाओ जरा पास आओ
न बातें बनाओ, न आँखें चुराओ
बहुत हो गया है, न तरसा, न तरसो
कहानी सुनो या कहानी सुनाओ
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आँख मिलाकर आँख झुकाते आँख झुकाकर आँख उठाते आँख मारकर घायल करते आँख दिखाकर मौन कराते *
मापनी: १ २ २ १ २ २ १ २ २ १२२
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न जाओ, न जाओ जरा पास आओ
न बातें बनाओ, न आँखें चुराओ
बहुत हो गया है, न तरसा, न तरसो
कहानी सुनो या कहानी सुनाओ
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