हिंदी वर्णमाला
- संस्कृत वर्णमाला में 13 स्वर होते हैं , वही हिंदी वर्णमाला में मात्र 11 ही स्वर होते हैं।
- दो वर्णों को अयोगवाह की श्रेणी में रखा जाता है--अं और अः — ये मात्र चिह्न ही होते हैं— ं (अनुस्वार ) और ः (विसर्ग)
- ये आवश्यकतानुसार किसी भी वर्ण स्वर या व्यंजन वर्ण में जुड़ जाते/सकते हैं।
क से लेकर ह तक कुल 33 वर्ण व्यंजन की श्रेणी में आते हैं--
जिनमें से…
- स्पर्श व्यंजन हैं— क से लेकर म तक कुल = 25
- अन्तस्थ व्यंजन होते हैं— य र ल व = 4 (इन्हें कोमल या मृदु व्यंजन भी कहते हैं।)
- ऊष्म व्यंजन हैं — श ष स ह = 4
इनके अतिरिक्त इन 33 वर्णों में से कई दो व्यंजनों के मिलने पर कुछ संयुक्त व्यंजनों की भी रचना होती है, जिनको दो वर्णों को मिलाकर एक रूप में लिखने की परम्परा भी रही है।
वे हैं-- क्ष त्र ज्ञ श्र द्य = 5
कुछ द्वित्व व्यंजन के भी रूप मिलकर एक अलग स्वरूप ले लेते हैं, जिनको समझना, पढ़ना और लिखना…
बालानां कृते नास्ति सुकरः..!!
जैसे : ट्+ट=ट्ट, ठ्+ठ = ठ्ठ, ड्+ड =ड्ड, ढ् +ढ =ढ्ढ, द्+व= द्व, ध्+द = ध्द, आदि।
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