पश्चिमी नाटकीय परंपरा की उत्पत्ति प्राचीन ग्रीस में हुई है ।परंपरा यह है कि ५३४ ईसा पूर्व के डायोनिसिया में, पिसिस्ट्रेटस के शासनकाल के दौरान, डिथिरैम्ब के प्रमुख गायक, थेस्पिस नाम के एक व्यक्ति ने कोरस में एक अभिनेता को जोड़ा, जिसके साथ उन्होंने एक संवाद किया, इस प्रकार संभावना की शुरुआत की। नाटकीय कार्रवाई का।
'ड्रामा इस द इमिटेशन ऑफ़ एन एक्शन।' -अरस्तू
'ड्रामा इस नॉट ए नरेशन बट एन एक्शन, सीरियस, कंप्लीट एंड सरटेन मैग्नीट्यूड एंड लैंग्वेज ब्यूटीफाइड इन डिफरेंट पार्ट्स विथ डिफरेंट टाइम ऑफ़ ।' -अरस्तू
अंक १ - एक्स्पोजिशन, परिचय। यथा खलनायक ने नायक के माता पिता की हत्या की।
अंक २ - कॉन्फ्लिक्ट कोंप्लिकेशन, संघर्ष जटिलता। यथा दोनों भाई बिछड़ गए।
अंक ३ - क्लाइमेक्स, चरमोत्कर्ष। यथा एक भाई पुलिस में, दूसरा अपराधी।
अंक ४ - डिनोमेंट, पारिस्थितिक अनुकूलन। यथा दोनों भाई मिले।
अंक ५ - एकास्ट्रो, समापन, समाधान। यथा - खलनायक पकड़ा गया।
यूनिटी ऑफ़ टाइम, प्लेस एंड एक्शन।
'ट्रेजिक हीरो फ्रॉम अमंग्स्ट अस'।ह्यूमन बीइंग, नॉट परफेक्ट, ईश्वर नायक नहीं, वे असामान्य, असाधारण।
पाश्चात्य नाटक ग्रीस से आया। लगभग २५०० वर्ष पूर्व, सर्व प्तथम धार्मिक नाटक आये। ५ ऑक्सफोर्ड प्रोफेसर मार्लो, लिली आदि
मिस्ट्री प्ले मिरेकल प्लेमोरेलिटी मोरेलिटी प्ले
चार आरंभिक नाटक संग्रह - चेस्टर, यॉर्क, टाउनली, वेकफील्ड। यॉर्क में बाइबिल के अनुसार सृष्टि के आरंभ से प्रलय तक की गाथाओं का नाट्य रूपांतरण।
रेनेसां
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