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अब से रंजिश न किसी तौर से पाली जाए।
प्यार करने की कसम प्यार से खा ली जाए।।
जान पर जान लुटा दूँ तो कोई बात नहीं।
बात की बात में की बात, ना खाली जाए।।
बात ईमान की ईमान से करना है भला।
हो के बेईमान न ईमान सवाली जाए।।
रखो तशरीफ़ नहीं मैकदे में गर हाली
शान साकी की न प्याली की सम्हाली जाए।।
आज कुछ बोलते कल और ही कुछ बोल रहे।
रब्बा संसद में न गुंडा न मवाली जाए।।
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