संजीव
*
पास आओ ना
*
दूरियाँ हो दूर
निकटता भरपूर
शिव-शिवानी सम
मन हुए कर्पूर
गीत गाओ ना
पास आओ ना
*
धूप में भी छाँव
रूप का मन- गाँव
घाट-बाट न भूल
छोड़ना मत नाव
दूर जाओ ना
पास आओ ना
*
प्रीत के गा गीत
हार में हो जीत
हो नहीं तुम भीत
बना दो नव रीत
मुस्कुराओ ना
पास आओ ना
*
भूलना मत राह
पूर्ण हो हर चाह
मिटे मन की दाह
दंश मत दे डाह
मन मिलाओ न
पास आओ ना
*
२८-५-२०१५
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