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गुरुवार, 27 मई 2021

मुक्तक

मुक्तक:
संजीव
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भाषण देते उपन्यास सा, है प्रयास लघुकथा हमारा
आश्वासन वह महाकाव्य है, जिसे लिखा बिन पढ़े बिसारा
मत देकर मत करो अपेक्षा, नेताजी कुछ काम करेंगे-
भूल न करते मतदाता को चेहरा दिखलायें दोबारा
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२७-५-२०१५

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