मुक्तक:
संजीव
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भाषण देते उपन्यास सा, है प्रयास लघुकथा हमारा
आश्वासन वह महाकाव्य है, जिसे लिखा बिन पढ़े बिसारा
मत देकर मत करो अपेक्षा, नेताजी कुछ काम करेंगे-
भूल न करते मतदाता को चेहरा दिखलायें दोबारा
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२७-५-२०१५
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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