मालवी संजा गीत
प्रभा तिवारी
*
छोटी सी गाड़ी रुरकी जाय रुरकी जाय।
उसमें बेठी संजा बाई संजा बाई
ऊंची निची बाट में लगे दचका
लगे दचका।
संजा तू थारे घर जा थारे घर जा
कि थारी माय मारेगी कि कूटेगी
कि चांद गयो गुजरात की हिरनि का बड़ा बडा दांत
छोरी डरपेगा की डरपेगा ।
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प्रभा तिवारी
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छोटी सी गाड़ी रुरकी जाय रुरकी जाय।
उसमें बेठी संजा बाई संजा बाई
ऊंची निची बाट में लगे दचका
लगे दचका।
संजा तू थारे घर जा थारे घर जा
कि थारी माय मारेगी कि कूटेगी
कि चांद गयो गुजरात की हिरनि का बड़ा बडा दांत
छोरी डरपेगा की डरपेगा ।
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