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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

गीत

गीत 
स्मृतिशेष अजमल सुल्तानपुरी की याद में -
*
हँसे फिर अपना हिंदुस्तान
विरासत गीता-ग्रंथ-कुरान
ख्वाब हम करें मुकम्मल
*
जहाँ खुसरो कबीर हैं साथ
ताज बीबी के कान्हा नाथ
एक रामानुज औ' रैदास
ईसुरी जगनिक बिना उदास
प्रवीणा केशव का अरमान
यहीं है अपना हिंदुस्तान
ख्वाब हम करें मुकम्मल
*
शारदा पूत अलाउद्दीन
सिखाते रविशंकर को बीन
यहीं होली-दीवाली-ईद
जिए मर सेंखों वीर हमीद
यहीं तुलसी रहीम रसखान
यहीं है अपना हिंदुस्तान
ख्वाब मिल करें मुकम्मिल
*
बँटे पर मिटे नहीं ज़ज़्बात
बदल लेंगे फिर से हालात
हमारा धर्म दीन इंसान
बसे कंकर-कंकर भगवान
मोहब्बत ही अपना ईमान
यहीं है अपना हिंदुस्तान
ख्वाब फिर करें मुकम्मिल
*
यहीं पर खिले धूल में फूल
मिटा दे नफरत प्रेम-त्रिशूल
एक केरल-कश्मीर न भिन्न
पूर्व-पश्चिम हैं संग अभिन्न
शक्ति-शिव, राम-सिया में जान
यहीं है अपना हिंदुस्तान
ख्वाब फिर करें मुकम्मिल
*
यहीं गौतम गाँधी गुरुदेव
विवेकानंद कलाम सदैव
बताते जला प्रेम का दीप
बनो मोती जीवन है सीप
लिखें इतिहास नया है आन
यही है अपना हिंदुस्तान
ख्वाब हम करें मुकम्मिल
***
संजीव
३०-१-२०२०
९४२५१८३२४४

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