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बुधवार, 29 जनवरी 2020

मुक्तिका

मुक्तिका * 'वयम्' जी रहा, 'अहम्' न पाला वहम न किंचित् गया सम्हाला पग भर भी जो साथ चला है उसको तनिक न भूला-टाला दुख में सुख था, सुख में दुख है मना न करता, कहता ला-ला चंद्र-कांता सूर्य-रश्मि को नमन किया, कह मौसी-खाला ममी न अपनी सगी लग सकी माँ-मैया से मिला निवाला

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