मुक्तिका
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'वयम्' जी रहा, 'अहम्' न पाला
वहम न किंचित् गया सम्हाला
पग भर भी जो साथ चला है
उसको तनिक न भूला-टाला
दुख में सुख था, सुख में दुख है
मना न करता, कहता ला-ला
चंद्र-कांता सूर्य-रश्मि को
नमन किया, कह मौसी-खाला
ममी न अपनी सगी लग सकी
माँ-मैया से मिला निवाला
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