धरोहर :
. स्व.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
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प्रतिनिधि रचना:
प्रस्तुति:शिशिर
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इस स्तम्भ में विश्व की किसी भी भाषा की श्रेष्ठ मूल रचना देवनागरी लिपि में, हिंदी अनुवाद, रचनाकार
का परिचय व चित्र, रचना की श्रेष्ठता का आधार जिस कारण पसंद है. संभव हो
तो रचनाकार की जन्म-निधन तिथियाँ व कृति सूची दीजिए. धरोहर में
सुमित्रा नंदन पंत, मैथिलीशरण गुप्त, नागार्जुन, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, महीयसी महादेवी वर्मा, स्व. धर्मवीर भारती जी, उर्दू-कवि ग़ालिब, कन्हैयालाल नंदन तथा मराठी-कविवर कुसुमाग्रज के पश्चात् अब आनंद लें कवींद्र रवींद्रनाथ ठाकुर की रचना
का।
. स्व.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
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प्रतिनिधि रचना:
वसन्त पंचमी
- महाप्राण निराला
सखि ,वसन्त आया |
भरा हर्ष वन के मन ,
नवोत्कर्ष छाया |
किसलय -वसना नव -वय -लतिका
मिली मधुर प्रिय -उर -तरु -पतिका ,
मधुप -वृन्द बन्दी-
पिक -स्वर नभ सरसाया |
लता -मुकुल -हार -गन्ध -भार भर ,
बही पवन बन्द मन्द मन्दतर ,
जागी नयनों में वन -
यौवन की माया |
आवृत्त सरसी -उर सरसिज उठे ,
केशर के केश कली के छूटे ,
स्वर्ण -शस्य -अंचल
पृथ्वी का लहराया |प्रस्तुति:शिशिर
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