श्री गणेश वंदना
संजीव 'सलिल'
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कजरी गीत:१
भोला-भोला गणपति बिसरत नहीं, गौरा के लाला रे भोला.
भोला-भोला सुमिरत टेर रहे हम, दरसन दे दो रे भोला.
भोला-भोला नन्दी सेर मूस पर चढ़कर आओ रे भोला.
भोला-भोला कहाँ गजानन बिलमे, कहाँ षडानन रे भोला.
भोला-भोला ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी संग, आके न जाओ रे भोला.
भोला-भोला भ्रस्ट असुर नेतागण, गणपति मारें रे भोला.
भोला-भोला मोदक थाल धरे, कर ग्रहण विराजो रे भोला.
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कजरी गीत:२
हरि-हरि जय गनेस के चरना, दीन के दानी रे हरि.
हरि-हरि मंगलमूर्ति गजानन, महिमा बखानी रे हरि.
हरि-हरि विद्या-बुद्धि प्रदाता, युक्ति के ज्ञानी रे हरि.
हरि-हरि ध्यान धरूँ नित तुमरो, कथा सुहानी रे हरि.
हरि-हरि मार रही मँहगाई, कठिन निभानी रे हरि.
हरि-हरि चरण पखार तरे, यह 'सलिल' सा प्राणी रे हरि.
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9 टिप्पणियां:
5:12pm Sep 3
Sanjiv Verma 'salil'-सर बहुत दिनों से ये चाह थी कि आप कोई प्रेरणा दायक कविता इस मंच के लिये लिखे . धन्यवाद.
Sunil Suman 12:58pm Sep 3
nice
1:26pm Sep 3
sir
bahut sundar rachana gaun ke
iyad aa gaik sir
Ashish Yadav 11:16am Sep 3
Dewon k sath apki lekhni ko bhi naman.
Ghulam Kundanam 9:46am Sep 3
bahut sundar bhajan!
GANPATI BAPPA MORYA... MANGAL MURTI
MORYA...
ॐ . ੴ . اللّٰه . God…….
Om.Onkar.Allah.God…..
Jai Hind !!!!!
Saurabh Pandey 10:09am Sep 3
आपके सुप्रयास और लालित्य दर्शन की पेंगें और उनके आलोड़न ले-लेकर कजरी गुनगुनाता हुआ विघ्नहर्ता को नमन कर रहा हूँ. सादर.
Virendra Shrivastava 2:06pm Sep 3
good
कजरी में गणपति वंदना, ये आप के लिए ही सम्भव है आचार्य जी
Binod Singh 5:22pm Sep 4
apko sat sat naman
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