शोकांजलि
महेश किशोर शर्मा जी के महाप्रस्थान पर
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भोला था स्वभाव जिनका वे श्री महेश जी नहीं रहे
व्यथा कथा लक्ष्मी भौजी के मन की बोलो कौन कहे
कोरोना मैया क्या कर रईं?, कितनों को ले जाओगी?
शांत शीतला हुईं, आप भी शीघ्र शांत हो, सुत न दहे
अग्रज जाते, हमको कहिए कौन मार्ग दिखलाएगा
अनुज जा रहे, कंधों पर फिर हमको कौन उठाएगा?
परेशान यम गण बेचारे, निश-दिन करते काम थके-
कुछ अवकाश उन्हें दो, मानव भी कुछ राहत पाएगा
अश्रु पोंछने कैसे जाएँ?, रोक लगी है मत निकलो
घर में बैठ बहाओ आँसू, व्यथा-ताप पाकर पिघलो
कठिन परीक्षा की बेला है, भौजी मन में धैर्य धरें -
बच्चे-बहुएँ, नाती-पोते, गहो विरासत झट सम्हलो
१२-५-२०२१
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