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सोमवार, 17 दिसंबर 2018

दोहा, मुक्तक

दोहा:
पलकर पल भर भूल मत, पालक का अहसान 
गंध हीन कटु स्वाद पर, पालक गुण की खान

*
मुक्तक: 
अधरों पर मुस्कान, आँख में चमक रहे 
मन में दृढ़ विश्वास, ज़िन्दगी दमक कहे 
बाधा से संकल्प कहो कब हारा है?
आओ! जीतो, यह संसार तुम्हारा है

१६-१२-२०१४ 
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