कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

haiku:

हाइकु

मन विभोर
ओस कण अँजोर
सार्थक भोर
*
गुनगुनाहट
रवि ले आया, पंछी
चहचहाहट
*
जल तरगें
तरंगित किरणों
संग नर्तित
*

कोई टिप्पणी नहीं: