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गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014

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नवगीत : 

दिल न जलाओ,
दिया जलाओ 

ईश्वर सबको 
सुख समृद्धि दे 
हर प्रयास को 
कीर्ति-वृद्धि दे 

नित नव पथ पर 
कदम बढ़ाओ 

जीत-हार 
जो हो, होने दो 
किन्तु मित्रता 
मत खोने दो 

रुठो मत, 
बाँहों में आओ 

लेना-देना 
चना-चबेना 
जब सुस्ताओ 
सपने सेना 

'मावस को 
पूर्णिमा बनाओ

***

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