नवगीत :
दिल न जलाओ,
दिया जलाओ
ईश्वर सबको
सुख समृद्धि दे
हर प्रयास को
कीर्ति-वृद्धि दे
नित नव पथ पर
कदम बढ़ाओ
जीत-हार
जो हो, होने दो
किन्तु मित्रता
मत खोने दो
रुठो मत,
बाँहों में आओ
लेना-देना
चना-चबेना
जब सुस्ताओ
सपने सेना
'मावस को
पूर्णिमा बनाओ
***
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