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शनिवार, 23 मई 2020

मुक्तिका/हिंदी ग़ज़ल

मुक्तिका/हिंदी ग़ज़ल
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किस सा किस्सा?, कहे कहानी
गल्प- गप्प हँस कर मनमानी
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कथ्य कथा है जी भर बाँचो
सुन, कह, समझे बुद्धि सयानी
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बोध करा दे सत्य-असत का
बोध-कथा जो कहती नानी
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देते पर उपदेश, न करते
आप आचरण पंडित-ज्ञानी
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लाल बुझक्कड़ बूझ, न बूझें
कभी पहेली, पर ज़िद ठानी
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[ सोलह मात्रिक संस्कारी जातीय, अरिल्ल छन्द]
२३-५-२०१६
तक्षशिला इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नालॉजी
जबलपुर, ११.३० ए एम

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