नवगीत:
संजीव
.
पहले गुना
तब ही चुना
जिसको ताजा
वह था घुना
सपना वही
सबने बना
जिसके लिए
सिर था धुना
अरि जो बना
जल वो भुना
वह था कहा
सच जो सुना
.
(प्रयुक्त छंद: हरिगीतिका)
संजीव
.
पहले गुना
तब ही चुना
जिसको ताजा
वह था घुना
सपना वही
सबने बना
जिसके लिए
सिर था धुना
अरि जो बना
जल वो भुना
वह था कहा
सच जो सुना
.
(प्रयुक्त छंद: हरिगीतिका)
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