अठ अक्षरी छंद
विद्युन्माला छंद
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गणसूत्र - म म ग ग , कलबाँट - २२२ २२२ २२
उदाहरण -
१. राणा को घेरे में देखा
झाला ने होनी को लेखा
आगे आ पागा ले धारा
राणा पे प्राणों को वारा
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लक्ष्मी छंद
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गणसूत्र - र र ग ल , कलबाँट - २१२ २१२ २१
उदाहरण -
१. चाँद ने चाँदनी संग
रंग खेला; पिला भंग
हाय रे! भंग में रंग
हो गया रंग में भंग
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मल्लिका छंद
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गणसूत्र - र ज ग ल , कलबाँट - २१२ १२१ २१
उदाहरण -
१. कृष्ण का विराट रूप
दिव्य भव्यता अनूप
पार्थ देख मोह त्याग
क्रोध से हुआ विरूप
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नराचिका छंद
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गणसूत्र - त र ल ग , कलबाँट - २२१ २१२ १२
उदाहरण -
१. काँपा नहीं जरा हिया
नामो-निशां मिटा दिया
ज़िंदा न शत्रु एक था-
किस्सा लिखा गया नया
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प्रमाणिका छंद
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गणसूत्र - ज र ल ग, कलबाँट - १२१ २१२ १२
उदाहरण -
१. दिखी न प्रेयसी यहाँ
छिपी गई कहो कहाँ?
न रास-रंग में मजा-
चलो चलें गई जहाँ
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चित्रपदा छंद
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गणसूत्र - भ भ ग ग, कलबाँट - २११ २११ २२
उदाहरण -
१. घूँघट आप उठाएँ
तो प्रिय-दर्शन पाएँ
और नहीं तरसाएँ
पास जरा झट आएँ
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माणवक छंद
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गणसूत्र - भ त ल ग , कलबाँट - २११ २२१ १२
उदाहरण -
१. विप्र न था कर्ण; कहा
शाप मिला; झूठ कहा
मंत्र नहीं याद रहे-
द्वेष किया; आप दहा
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तुंग छंद
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गणसूत्र - न न ग ग, कलबाँट - १११ १११ २२
उदाहरण -
१. शुभ समय हँसाता
अशुभ पल रुलाता
मनुज नच रहा है -
समय चुप नचाता
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पद्म छंद
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गणसूत्र - न स ल ग, कलबाँट - १११ ११२ १२
उदाहरण -
१. कलकल नदी कहे
तृषित न कहीं रहे
मलिन न नदी करो-
मुकुलित सदी रहे
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नौ अक्षरी छंद
रलका छंद
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गणसूत्र - म स स, कलबाँट - २२२ ११२ ११२
उदाहरण -
१. चीनी सैन्य महाकपटी
मौका पाकर थी झपटी
जूझी भारत-सैन्य; लड़ी-
तोड़ी गर्दन; जीत डटी
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वर्ष छंद
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गणसूत्र - म त ज , कलबाँट - २२२ २२१ १२१
उदाहरण -
१. नेताजी आश्वासन भूल
आँखों में झोंके हँस धूल
धोखे से नाराज किसान-
बागी हो जूझे बन शूल
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पाईता छंद
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गणसूत्र - म भ स, कलबाँट - २२२ २११ ११२
उदाहरण -
१. गंगा कूदी हिमगिरि से
मौका पाकर थी झपटी
जूझी भारत-सैन्य; लड़ी-
तोड़ी गर्दन; जीत डटी
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