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शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

राधिका छंद

 छंद कार्य शाला :

राधिका छंद १३-९
लक्षण: २२ मात्रिक, द्विपदिक, समतुकांती छंद.
विधान: यति १३-९, पदांत यगण १२२ , मगण २२२
उदाहरण:
१.
जिसने हिंदी को छोड़, लिखी अंग्रेजी
उसने अपनी ही आन, गर्त में भेजी
निज भाषा-भूषा की न, चाह क्यों पाली?
क्यों दुग्ध छोड़कर मय, प्याले में ढाली
*
नवप्रयोग
२. मुक्तक
गाँधी की आँधी चली, लोग थे जागे
सत्याग्रहियों में होड़, कौन हो आगे?
लाठी-डंडों को थाम, सिपाही दौड़े-
जो कायर थे वे पीठ, दिखा झट भागे
*
३. मुक्तिका
था लालबहादुर सा न, दूसरा नेता
रह सत्ता-सुख से दूर, नाव निज खेता
.
अवसर आए अनगिनत, न किंतु भुनाए
वे जिए जनक सम अडिग, न उन सा जेता
.
पाकी छोटा तन देख, समर में कूदे
हिमगिरि सा ऊँचा अजित, मनोबल चेता
.
व्रत सोमवार को करे, देश मिल सारा
अमरीका का अभिमान, कर दिया रेता
.
कर 'जय जवान' उद्घोष, गगन गुंजाया
फिर 'जय किसान' था जोश, नया भर देता
*
असमय ही आया समय, विदा होने का
क्या समझे कोई लाल, विदा है लेता
***
संजीव, २-१०-२०१८

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