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बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

मुक्तक दीपावली

 मुक्तक

दीपावली
*
सत्य-शिव-सुन्दर का अनुसन्धान है दीपावली
सत-चित-आनंद का अनुगान है दीपावली
अकेले लड़कर तिमिर से, समर को चुप जीतता
जो उसी दीपक के यश का गान है दीपावली
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अँधेरे पर रौशनी की जीत है दीपावली
दिलों में पलती मनुज की प्रीत है दीपावली
मिटा अंतर से सभी अंतर मनों को जोड़ दे
एकता-संदेश देती रीत है दीपावली
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स्वदेशी की गूँज, श्रम का मान है दीपावली
भारती की कीर्ति, भारत-गान है दीपावली
चीन की उद्दंडता को दंड दे धिक्कारता
देश के जनगण का नव अरमान है दीपावली
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