संजीव
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बखत पड्यां पे अल्ला-राम
सुमिरै बेबस गंगाराम
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बखत पड्यां पे अल्ला-राम
सुमिरै बेबस गंगाराम
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पढ़बो-लिखबो; घर सूँ खड़बो
सीख खड़ा छै चंगाराम
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रंग बदल्या-ढंग बदलग्या
नेता बण ग्या नंगाराम
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अपनापन बातां-नातां को
मोल भुला र् या दंगाराम
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आगे-पाछे अगल्या-बगल्या
ढेर कांकरा पंगाराम
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अड़बो-लड़बो बिना बात के
नसां नसां बेढंगा राम
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भ्रष्टाचारी पोलां कर दी
नीं कुतर ग्यो तंगाराम
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