*
स्नेह-सलिल की लहर सम, बहिये जी भर मीत
कूल न तोड़ें बाढ़ बन, यह जीवन की रीत
*
मिले प्रेरणा तो बने, दोहा गीत तुरंत
सदा सदय माँ शारदा, साक्षी दिशा-दिगंत
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें