कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

मुक्तक

मुक्तक 
वामन दर पर आ विराट खुशियाँ दे जाए
बलि के लुटने से पहले युग जय गुंजाए
रूप चतुर्दशी तन-मन निर्मल कर नव यश दे
पंच पर्व पर प्राण-वर्तिका तम पी पाए
*
२९-१०-२०१६ 

कोई टिप्पणी नहीं: