सत्य सुंदरी वीणापाणी!
स्व. गेंदालाल विश्वकर्मा
*
सत्य सुंदरी वीणापाणी! कल्याणी माँ सरस्वती!
ध्यान की देवी, ज्ञान की जननी, आदि शक्ति माँ ज्ञानवती!
शत-शत नमन तुम्हें हम सबका, भारत की प्यारी हस्ती
जन-जन की अभिलाषा तुम हो, जीवन की परिभाषा तुम हो
मधुबन फूल खिले हैं तुमसे कलियों की मृदुभाषा तुम हो
राग-रागिनी चरण पखारें, कूक लगाए कलावती!
चहुँ दिश में है तेरी महिमा, हंसों में है तेरी अणिमा
वन-उपवन में तुम बसती हो, सरगम में है तेरी महिमा
वीणा की मुस्कान तुम्हीं हो, तुम से है पावन धरती
सत्य सुंदरी वीणापाणी कल्याणी माँ सरस्वती!
शत-शत नमन तुम्हें हम सबका, भारत की प्यारी हस्ती
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020
सत्य सुंदरी वीणापाणी
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