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शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

अभियांत्रिकी और साहित्य का अलौकिक संगम - संजीव वर्मा " सलिल


" अभियांत्रिकी और साहित्य का अलौकिक संगम - संजीव वर्मा " सलिल " 
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संजीव भैया के बारे में लिखना वैसा ही है, जैसे समुंदर की बूँदें गिनना - मैं उन्हें सदा भैया से संबोधित करता हूँ और मुझे भी उनसे एक बड़े भाई का प्यार और आशीर्वाद हमेशा मिला है I मेरी उनसे आरंभिक मुलाकात १६ मई २००४ को हुई थी, जब राष्ट्रीय संस्था आई. जी. एस. जबलपुर चैप्टर की स्थापना का विधिवत उद्घाटन हुआ था और तब शायद वो पी. डब्ल्यू. डी. शहडोल में पदस्थ थे I उसके बाद तो उनसे लगातार मुलाक़ातें होती रहीं I आई. जी. एस. जबलपुर चैप्टर के संस्थापक चेयरमैन प्रोफ़े . व्ही के श्रीवास्तव और मानसेवी सचिव डॉ दिनेश खरे के साथ उनसे मुलाक़ातों का क्रम शुरू हो गया , बाद में वो स्थानांतरित होकर जबलपुर आ गये, और फिर तो शहर की तमाम तकनीकी संस्थाओं यथा - इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स ( इंडिया) जबलपुर लोकल सेंटर, प्रेक्टसिंग इंजीनियर्स एसोशिएशन, आई.जी.एस. जबलपुर चैप्टर और अन्य सामाजिक एवम् साहित्यक संस्थाओं के कार्यक्रमों में लगातार उनसे मुलाक़ातें होती रही I आगे चलकर हमने आई.जी.एस. जबलपुर चैप्टर संस्था में साथ काम किया I उन्होने इस संस्था द्वारा आयोजित दो राष्ट्रीय सेमिनारों में प्रकाशित सोविनयर का संपादन किया, जिनमें वर्ष २००८ में बीटुमीन सरफ़ेस - डिजाइन कंस्ट्रक्शन और फेलुअर विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के लिए पत्रिका " मार्ग " और वर्ष २०११ में एडवान्सेस इन जियोटेकनिकल इंजीनियरिंग, कॉंक्रीट एंड मेसनरी कंस्ट्रक्शन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के लिए पत्रिका " निर्माण " का सफल संपादन किया I अपने अनेकों सेमिनार में तकनीकी प्रपत्र प्रस्तुत किए है I
आपने हमेशा हमारी राजभाषा हिन्दी के उन्नयन के लिए कार्य किया I साहित्य की लगभग हर विधा के आप विद्वान है, ये हम सब जानते ही है, अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भी आपने हमारा और हमारे नगर का गौरव बढ़ाया है I राष्ट्रीय संस्था इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के लिए आपके द्वारा संपादित राष्ट्रीय पत्रिका “अभियंता बंधु “ ने पूरे राष्ट्र में ख्याति प्राप्त की I आपके लिखे हिन्दी लेख को पूरे भारत वर्ष में सर्वोत्कृष्ट रचना के रूप में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) द्वारा आपको राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया गया I वर्तमान में आप आई.जी.एस. जबलपुर चैप्टर संस्था के चेयरमैन के रूप में हम सबका मार्गदर्शन कर रहे है I बचपन से हम मैथिली शरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, महादेवी वर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी, मुंशी प्रेमचंद जैसे साहित्यकारों को पढ़कर बढ़े हुए है I हमें गर्व है, कि हम आचार्य संजीव वर्मा " सलिल " के युग में पैदा हुए और इन्हे देखने और सुनने का मौका मिला I हम आपके यशस्वी और स्वस्थ्य जीवन की प्रभु से प्रार्थना करते है I सादर - इंजी संजय वर्मा, मानसेवी सचिव - आई. जी. एस. जबलपुर चैप्टर - 9425803337

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