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शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" विजय प्रशांत दिल्ली


बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" 
विजय प्रशांत दिल्ली 
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सलिल जी का नाम हिंदी साहित्यकारों में बड़ी श्रद्धा से लिया जाता है | अनेक पुस्तकों के रचनाकार श्री सलिल जी लगभग तीन दशकों से गद्य पद्य की सभी विधाओं में अपनी लेखनी से हिंदी साहित्य को समृद्ध कर रहें हैं | गीत, नवगीत, गीतिका, ग़ज़ल, व्याकरण, संस्मरण और यात्रा वृत्त आदि कोई विधा शेष नहीं जिस पर इनकी कहनी न चली हो। इनके काव्य में रस,छंद, अलंकार का सुन्दर समन्वय दिखाई देता है |
विश्व प्रसिद्ध कवियत्री महादेवी वर्मा के भतीजे का गौरव इन्हे प्राप्त होते हुए ये स्वयं सिद्ध कवि हैं | ये शब्दों के ऐसे बाजीगर की श्रोता सुनकर आत्म विभोर हो तालिया बजाना भी भूल जाता हैं | शब्द इनकी लेखनी से निकलने के लिए आतुर रहते हैं |
अनेक राज्यों से अनेक पुरस्कार से सम्मानित श्री संजीव वर्मा सलिल जी पेशे से अभियन्ता के साथ अधिवक्ता भी हैं | आपका हिन्दी भाषा के साथ साथ ब्रज, भोजपुरी,अवधी, बुंदेली, राजस्थानी, हरयाणवी तथा अंग्रेजी भाषाओँ पर भी समान अधिकार है | ट्रू मीडिया पत्रिका के प्रधान सम्पादक श्री ओम प्रकाश जी द्वारा प्रकाशित आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित विशेषांक साहित्यिक जगत में विशेष आलोकित हो ऐसी मेरी शुभेच्छा है | अंत में मेरी ईश्वर से कामना है कि सलिल जी इसी प्रकार साहित्य सृजन करते रहें तथा युवाओं के प्रेरणा श्रोत्र बने रहें| ईश्वर इन्हे सुन्दर स्वास्थ्य के साथ शतायु करे |
विजय प्रशान्त

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