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मंगलवार, 21 जुलाई 2020

हाइकु सलिला

हाइकु सलिला
*
हाइकु लिखा
मन में झाँककर
अदेखा दिखा।
*
पानी बरसा
तपिश शांत हुई
मन विहँसा।
*
दादुर कूदा
पोखर में झट से
छप - छपाक।
*
पतंग उड़ी
पवन बहकर
लगा डराने
*
हाथ ले डोर
नचा रहा पतंग
दूसरी ओर
*

२१-७-२०१९ 

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